बदायूं : अगर आपको कराना है जमीन क़ी रजिस्ट्री और रोकना है फर्जीवाडा तो साथ लाएं आधार के साथ पेन कार्ड

UP समाचार न्यूज /रिपोर्ट आकाश सक्सेना /खबर बदायूं यूपी..




सार....

योगी सरकार की नई पहल: जमीन के बैनामों में मालिकाना हक का सत्यापन और फर्जीवाड़ा रोकने के कदम, क्योंकि यूपी में जमीन की रजिस्ट्री से पहले अब होगा आधार-पैन से सत्यापन, फर्जीवाड़ा रुकने की जगी उम्मीद ....


रिपोर्ट आकाश सक्सेना बदायूं....

बदायूं। उत्तर प्रदेश में जमीन की खरीद-फरोख्त और बैनामों को लेकर योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है ताकि फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी को रोका जा सके। अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले उसकी सत्यता का सत्यापन जरूरी कर दिया गया है। इस प्रक्रिया में, बैनामे के समय आवेदक को अपने साथ आधार और पैन कार्ड लाना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि फर्जीवाड़ा न हो सके।

Advertisment


सब रजिस्ट्रार सदर प्रथम सय्यद नदीम रजा ने बताया कि जमीन का बैनामा कराने वाले व्यक्ति को रजिस्ट्री कराने के समय पर अपना पैन कार्ड साथ लाना आवश्यक होगा । इसके साथ ही, बैनामे के समय मोबाइल नंबर पर भेजा जाने वाला ओटीपी भी जरूरी होगा, जो इनकम टैक्स विभाग से आएगा। इस प्रक्रिया से न केवल फर्जी बैनामों को रोका जा सकेगा बल्कि मुआयना करते वक़्त संपत्तियों के मालिकाना हक का भी सही तरीके से सत्यापन किया जा सकेगा।


बदायूं में पेन कार्ड लिंक क़ी करने क़ी प्रक्रिया विगत कुछ दिनों पूर्व से प्रारम्भ कर दी गई है, जानकारी अनुसार अब तक बदायूं में लगभग 1900 से 2000 बेनाम संपत्तियों में पैन कार्ड लिंक किया जा चुका है। इससे पूर्व में आधार कार्ड को भी लिंक किया जा चुका है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य जमीन के फर्जी बैनामों को रोकना है, जिससे धोखाधड़ी का खतरा कम हो सके।

Advertisment


इसके अतिरिक्त, जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद खतौनी में मालिक का नाम दर्ज करने की भी प्रक्रिया शुरू की गई है। इस प्रक्रिया के लिए विभिन्न राज्यों के पीपीपी मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई है। प्रदेश में पहले बिना सत्यापन के ही संपत्तियों का बैनामा किया जाता था, जिससे जालसाज लोग फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर संपत्ति का धोखाधड़ी से बैनामा कर लेते थे। अब यह सब बंद हो जाएगा और मालिकाना हक की जांच रजिस्ट्री के साथ ही की जाएगी। 

Advertisment


उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 48 लाख संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। क्योंकि यहां राजस्व और स्टाम्प विभाग एक ही है। वर्तमान में, हरियाणा जैसे राज्यों में रजिस्ट्री के बाद मालिक का नाम तुरंत भूलेख पोर्टल पर दर्ज हो जाता है, जिससे मालिकाना हक की तुरंत पुष्टि हो जाती है। यूपी में भी आधार और पैन के साथ सत्यापन और सैटेलाइट फोटो लगाने जैसी नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं, ताकि जमीन की खरीद-फरोख्त पारदर्शी और सुरक्षित हो सके।


Advertisment


 

Post a Comment

Previous Post Next Post