Lucknow समाचार : खाद में कालाबाजारी पर योगी सरकार सख्त, एनएसए के तहत होगी कार्रवाई,डीसीबी चेयरमेन जे. के सक्सेना एवं अन्य जनपद के चेयरमेन नें सीएम से मिलकर बताई समस्या ..

 UP समाचार न्यूज / रिपोर्ट आकाश सक्सेना एवं संजय निगम खबर बदायूं लखनऊ यूपी...


खाद की कालाबाजारी की समस्या को लेकर मिलते बदायूं डी सी बी चेयरमेन जे के सक्सेना एवं अन्य जनपद के डी सी बी चेयरमेन.. फोटो स्त्रोत डी सी बी चेयरमेन बदायूं...



संक्षेप...

खाद में कालाबाजारी पर योगी सरकार सख्त, एनएसए के तहत होगी कार्रवाई,डीसीबी चेयरमेन जे. के समेत अन्य जनपद के चेयरमेन नें सीएम से मिलकर बताई समस्या किसान को खाद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, हर जिले पर सीएमओ की सीधी नजर...


यूपी समाचार न्यूज बदायूं /लखनऊ, 16 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से खाद को लेकर हो रही कालाबजारी के बारे में बदायूं जिला सहकारी बैंक के जिलाध्यक्ष जे. के सक्सेना नें की मुख्य्मंत्री से मुलाक़ात वहीं उनके साथ लखनऊ जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह, हरदोई के अशोक कुमार सिंह एवं सिद्धार्थ नगर के अध्यक्ष विक्रम सिंह भी इस दौरान मौजूद रहे। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें स्पष्ट किया है कि मिलावटी, नकली खाद बेचने वालों और खाद की कालाबाजारी में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफकुमार सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान को खाद को लेकर कोई भी समस्या हुई तो दोषी चाहे किसी भी स्तर का हो, बख्शा नहीं जाएगा।




कृषि एवं सहकारिता मंत्रियों की उपस्थिति में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खाद की उपलब्धता और वितरण पर मुख्यमंत्री कार्यालय से हर जिले की सीधी निगरानी होगी। जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी खाद दुकानों व समितियों पर औचक निरीक्षण करेंगे। डीएपी, यूरिया और पोटाश केवल तय सरकारी दरों पर ही बेची जाएंगी, ओवररेटिंग या कृत्रिम अभाव किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारियों की गतिविधियों की लगातार निगरानी होगी और गड़बड़ी मिलने पर खुली विजिलेंस जांच कराई जाएगी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है और रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि किसी भी किसान को खाद के लिए परेशान न होना पड़े।

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