UP समाचार न्यूज /रिपोर्ट आकाश सक्सेना एवं हर्ष कुमार /खबर वृंदावन (मथुरा )उत्तर प्रदेश...
संक्षेप..
ठंड का असर : प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अब भोर नहीं, शाम पांच बजे,वृंदावन में पदयात्रा का समय बदलने से हुई भक्तों में खुशी, तो वहीं अब ट्रैफिक पुलिस के सामने ख़डी हुई नई चुनौती...
यूपी समाचार न्यूज वृंदावन(मथुरा)यूपी। कड़ाके की ठंड के चलते वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की प्रसिद्ध पदयात्रा का समय बदल दिया गया है। अब यह पदयात्रा भोर में दो बजे के बजाय शाम पांच बजे निकाली जाएगी। यह निर्णय महाराज के स्वास्थ्य और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। शनिवार से नए समय के अनुसार पदयात्रा की शुरुआत भी हो चुकी है।
अब तक प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन सुबह दो बजे श्रीकृष्ण शरणम् से निकलकर श्री राधा केलिकुंज आश्रम तक पदयात्रा करते रहे हैं। इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों श्रद्धालु रात से ही यात्रा मार्ग पर डेरा डाल लेते थे। मार्ग पर मेला-सा माहौल रहता था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण ठंड के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। देर रात और तड़के ठंड के बीच घंटों इंतजार करना कई लोगों के लिए मुश्किल साबित हो रहा था। वहीं, स्वयं प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य भी इन दिनों ठीक नहीं बताया जा रहा है।
ऐसे में आश्रम प्रशासन ने विचार-विमर्श के बाद पदयात्रा के समय में बदलाव का फैसला लिया। इसके तहत शनिवार को पहली बार प्रेमानंद महाराज शाम पांच बजे पदयात्रा पर निकले। इसके लिए दोपहर से ही यात्रा मार्ग पर तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। शाम होते-होते दोनों ओर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हो गए। ठीक पांच बजे श्रीकृष्ण शरणम् से महाराज के अनुयायी बाइक और गाड़ियों के साथ आगे बढ़े, जिसके बाद स्वयं प्रेमानंद महाराज भी कुछ अनुयायियों के साथ पैदल चलते हुए गंतव्य की ओर रवाना हुए।
पदयात्रा का समय बदलने से श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया। लोगों का कहना है कि शाम का समय अधिक सुविधाजनक है, जिससे बुजुर्ग, महिलाएं और दूर-दराज से आने वाले भक्त भी आसानी से दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, शाम के समय पदयात्रा निकलने से शहर की यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है। व्यस्त सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ने से ट्रैफिक प्रभावित हुआ और पुलिस को व्यवस्था संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सीओ ट्रैफिक संदीप कुमार सिंह ने बताया कि पदयात्रा का समय अचानक बदलने से पुलिस को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि यह यात्रा प्रतिदिन शाम को ही निकाली जाएगी, तो आश्रम प्रशासन से समन्वय कर एक स्थायी रूट मैप और यातायात व्यवस्था तय की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम नागरिकों को भी परेशानी न हो।
