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| मदरसा शिक्षक मौलाना शमसुल हुदा खान.... फाइल फोटो... |
रिपोर्ट आकाश सक्सेना एवं संजय निगम...
ब्रिटेन में रह रहा आजमगढ़ का मदरसा शिक्षक, यूपी से सालों तक लेता रहा वेतन,एटीएस जांच में खुलासा, बरेली समेत तीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर गिरी गाज
लखनऊ/आजमगढ़ यूपी । मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत, अशरफिया मुबारकपुर (आजमगढ़) में 12 जुलाई 1984 को तैनात किए गए शिक्षक शमशुल हुसैन पर बड़ा खुलासा हुआ है।
अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की जांच रिपोर्ट के अनुसार शमशुल वर्ष 2007 से ब्रिटेन में रह रहा था, बावजूद इसके वह उत्तर प्रदेश सरकार से पूरा वेतन और अन्य भुगतान लेता रहा।
जांच में सामने आया कि शमशुल ने 2013 में ब्रिटिश नागरिकता भी हासिल की, लेकिन इसका विवरण विभागीय अभिलेखों में कभी नहीं दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह कि 2007 से 2017 के बीच उसकी वेतन वृद्धि बिना सेवा पुस्तिका के सत्यापन के होती रही।
इस अवधि में किसी भी अधिकारियों ने उसकी मौजूदगी की पुष्टि नहीं की।
रिपोर्ट के अनुसार 1 अगस्त 2017 को शमशुल हुसैन को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई और साथ ही पेंशन भी स्वीकृत कर दी गई, जबकि वह वर्षों से विदेश में रह रहा था।
मामले में तीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (डीएमओ) जांच के घेरे में आ गए हैं।
इनमें बरेली के डीएमओ लालमन, अमेठी के डीएमओ प्रभात कुमार, और गाजियाबाद के डीएमओ साहित्य निकत सिंह शामिल हैं।
ये तीनों अलग-अलग अवधि में आजमगढ़ में तैनात रहे और इन्हीं के कार्यकाल में वेतन वृद्धि व भुगतान की फाइलें आगे बढ़ाई गईं।
एटीएस की जांच में मामला उजागर होने के बाद, अब विभाग नियम विरुद्ध भुगतान पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।




























