UP समाचार न्यूज़ /रिपोर्ट आकाश सक्सेना एवं भगवान दास / खबर बदायूं यूपी।
सार...
बार के सचिव अरविन्द पाराशरी नें कहा क़ि बार से ये जमीन सरकार तब ले सकती है ज़ब वो हमें एक महीने का नोटिस दे और वो हमें इस जमीन और बिल्डिंग का मुआवजा हमको पेमेंट करे उन्होंने कहा नोटिस देकर ही हमसे जमीन प्राप्त कर सकती है ज्यूडिशली हमसे जमीन नहीं ले सकती न जमीन लेने का उन्हें कोई अधिकार है.....
बदायूं। बदायूं में सिविल बार की जमीन और बिल्डिंग के मामले में मंगलवार को जिला सिविल बार के सचिव अरविन्द पाराशरी समेत बार के अन्य अधिवक्ताओं द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई । जहां सिविल बार के सचिव अरविंद पाराशरी ने बताया कि बीते शनिवार 29 मार्च 2025 को बदायूं सदर तहसील की राजस्व टीम पुलिस बल के साथ सिविल बार की जमीन और बिल्डिंग पर पहुंची थी, लेकिन वहीं वकीलों नें जहां जमीन पर फैमिली कोर्ट का निर्माण अवैध बताकर विरोध किया जिसके बाद राजस्व टीम नें बार के वक़ीलों से जमीन संबंधित दस्तावेज लिए और जमीन की बिना पैमाइश किये ही वापस लौट गई।
मंगलवार एक अप्रेल को प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान बार के सचिव अरविन्द पाराशरी नें बताया सरकार बार की जमीन प्रकरण मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही है न कोई कार्रवाई। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में न्याय विभाग ज्यूडिशली सिविल बार की जमीन मामले में हस्तक्षेप कर रहा है जिसका ज्यूडिशली को कोई अधिकार नहीं।
वहीं उन्होंने कहा कि पैमाइश का जहां तक सवाल है तो बता दें यह एग्रीकल्चर लैंड (कृषि भूमि ) नहीं है इसको प्रशासन को पैमाइश करने का कोई कानूनन अधिकार प्राप्त नही है।
सचिव पाराशरी नें कहा कि लगभग एक माह पूर्व अधिवक्ता कौशलेन्द्र पाण्डेय के माध्यम से जमीन से संबंधित दस्तावेज के लिए नकल सवाल डाला था लेकिन उनको अब तक रजिस्ट्री ऑफिस से उसकी नकल कॉपी नहीं मिली है वहीं उन्होने बताया कि उनके नकल कॉपी के आलावा हमारे पास जमीन से संबधित दस्तावेज जो हैं उसकी सर्टिफाइड कॉपी मौजूद है,एवं वह नक्शा भी मौजूद है जिसमें तत्कालीन रजिस्ट्रार /जिला जज के हस्ताक्षर हैं।
वहीं उन्होंने एसडीएम सदर द्वारा दिए गए एक अख़बार में बयान के मामले पर कहा कि एसडीएम का कोई मामला ही नहीं बनता है क़ि वे इस मामले पर बयान बाजी करें सचिव नें कहा कि ये एग्रीकल्चर लैंड(कृषि भूमि ) नहीं है ये आबादी क़ी जमीन है एसडीएम को ऐसा स्टेटमेन्ट अख़बार को नहीं देना चाहिए।
सचिव अरविन्द पाराशरी नें कांफ्रेस के अंत में तहसील प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि शहर का एक नया नक्शा बनाकर उस रोज बीते 29 मार्च 2025 को बार में हमारे पास लाया गया नक्शा में सीधे सीधे खेड़े नवादा को दर्शाने के बाद ये सिविल बार की जमीन को दर्शा दिया गया था बाकी शेष नक्शा गायब था वहीं ज़ब बार के सचिव नें तहसीलदार और नायब तहसीलदार से कहा कि ये नक्शा तो अभी का हाल का बना हुआ है तो वहीं जबाब में तहसीलदार और नायब तहसीलदार नें कहा क़ि वो सब बन जाते हैं नक्शे।
बार के सचिव पाराशरी नें राज्यपाल द्वारा सिविल बार को अनिश्चित काल के लिए दी गई जमीन से संबंधित रजिस्ट्री, नक्शा, लाइसेंस समेत अन्य दस्तावेज जो मौजूद हैं वर्तमान में बार के सचिव के पास जोकि सर्टिफाइड कॉपी के रूप में उपलब्ध हैं उन सभी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आज उन्होंने प्रस्तुत भी किया।
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